धनगढी । प्रधानमन्त्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजनाअन्तर्गत कैलाली जिल्लामे गहुँ बालीके ‘सुपर जोन’ कार्यक्रम कार्यान्वयन हुइलसँगे गहुँके उत्पादकत्व पहिलेक तुलनामे वृद्धि हुइल बा । गहुँ बालीके सुपर जोन कार्यक्रम कार्यान्वयन हुइल क्षेत्रमे गहुँके उत्पादकत्व प्रतिहेक्टर पाँच दशमलब पाँच मेट्रिक टनसम पुगल प्रधानमन्त्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजना, परियोजना कार्यान्वय इकाइ कैलालीके प्रमुख कलसराम चौधरी बटैलै ।
“पहिल बरस इ बालीके उत्पादकत्व प्रतिहेक्टर दुई दशमलब नौ मेट्रिक टन रहलमे डुसरा बरस वृद्धि होके तीन दशमलब सात मेट्रिक टन पुगल रहे,” उहाँ कहलै, “चालु बरससम आइटसम गहुँ बालीके उत्पादकत्व प्रतिहेक्टर पाँच दशमलब पाँच मेट्रिक टनसम पुगल बा ।” सुपर जोन कार्यक्रमसमेत कैके जिल्लाभर झन्डे ३४ हजार हेक्टरमे गहुँके खेती हुइना करल बा । जिल्लाभरके उत्पादकत्व राष्ट्रिय उत्पादकत्वसे ढिउर अर्थात् प्रतिहेक्टर दुई दशमलब ५१ मेट्रिक टन रहल जनाइल बा ।
तेलहन बालीके ‘जोन’ क्षेत्रमे तेलहनके उत्पादकत्व प्रतिहेक्टर शून्य दशमलब नौसे वृद्धि होके एक दशमलब तीन मेट्रिक टन पुगल तथ्यांक कार्यालयसँग रहल बा । प्रतिकूल मौसमके कारण इ बालीके उत्पादकत्व भर अपेक्षाअनुसार बह्रे नैसेकल बटाइल बा । चालु बरससे सञ्चालनमे रहल धान बालीके ‘जोन’ क्षेत्रमे करल बालीके उत्पादकत्वके तथ्यांक भर संकलन कैना बाँकी रहल बा । कैलालीके कैलारी गाउँपालिकासहित घोडाघाडी नगरपालिका–१०, ११ ओ १२ ओ गौरीगङ्गा नगरपालिकाके ५, ७, ८, ९, १० ओ ११ वडाके झन्डै दुई हजार ३०० हेक्टर जग्गामे छ बरससे गहुँ बालीके सुपर जोन कार्यक्रम सञ्चालनमे रहल बा ।
गहुँ बालीके ‘सुपर जोन’ कार्यक्रमअन्तर्गत सुरुके बरस एक हजार २५० हेक्टरमे गहुँ बालीके खेती करल रहे । बर्दगोरिया, जोशीपुर ओ जानकी गाउँपालिका तथा घोडाघोडी ओ भजनी नगरपलिकाके टमान वडामे पाँच बरससे तेलहन बालीके जोन कार्यक्रम सञ्चालन हुइटी रहल बा । चालु बरससे धान जोन कार्यक्रम जिल्लाके जोशीपुर ओ जानकी गाउँपालिका तथा भजनी नगरपालिकाके टमान वडामे सञ्चालन हुइटी रहल बा । कृषि उत्पादन वृृद्धि कैके आयात घटैटी जैना उद्देश्यसे सरकारसे आर्थिक बरस २०७३/७४ से प्रधानमन्त्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजना कार्यान्वयन करल हो ।
जोन ओ सुपरजोन कार्यक्रम कार्यान्वयनसँगे टमान बालीके उत्पादकत्व वृद्धि हुइलेसे फेन पर्याप्त बजेट अभावके कारण बालीके खेती कैना क्षेत्रफल विस्तार करे नैसेकल बटाइल बा । परियोजनाके कार्यक्रममे समेटल किसानहे कृषि यन्त्र उपकरण खरिदके लाग पचास प्रतिशत, बीज वृद्धि कार्यक्रमके लाग पचास प्रतिशत ओ साना सिँचाइ निर्माणमे ८५ प्रतिशतसम अनुदान रकम उपलब्ध करैना करल बा । इ बाहेक टमान प्राविधिक सहयोग उपलब्ध करैना करल बा ।
बर्सेनि बजेट घट्टी
कृषिके उत्पादन ओ उत्पादकत्व वृद्धि कैना प्राथमिकताके साथ कार्यान्वयनमे लानल इ कार्यक्रम कार्यान्वयनके लाग बर्सेनि कम बजेट विनियोजन होके अपेक्षित रुपमे लक्ष्य प्राप्त करे नैसेकल बटाइल बा । सुरुके बरस (२०७३/७४) गहुँके सुपर जोन कार्यक्रम सञ्चालनके लाग रु छ करोड ६१ लाख २३ हजार बजेट विनियोजन हुइल रहे । डुसरा बरससे तेलहन बालीके जोन कार्यक्रम थपलमे इ डुनु कार्यक्रमके लाग रु पाँच करोड ३३ लाख ७६ हजार बजेट विनियोजन करल रहे ।
ओस्टके टिसरा बरस अर्थात् आव २०७५/७६ मे रु चार करोड ७७ लाख ६०, आर्थिक बरस २०७६/७७ मे पाँच करोड १८ लाख नौ हजार, आव २०७७/७८ मे तीन करोड ६९ लाख दुई हजार ओ आगामी आवके लाग रु चार करोड ५६ लाख २४ हजार बजेट विनियोजन करल बा । “सुपर जोनसँगे जोन कार्यक्रम थपगैल, मने ओकर अनुसारके बजेट बह्रे नैसेकके किसान अपेक्षा करल अनुसारके उपलब्धि हासिल कैना कठिनाइ हुइटी रहल बा”, कार्यालयके प्रमुख चौधरी कहलै, “कार्यालयमे दरबन्दी अनुसारके जनशक्तिसमेत नैहोके थप समस्या हुइटी रहल बा ।”
सूचीकृत कृषक समूह, सहकारी संस्था ओ कृषि उद्यमी इ कार्यक्रममे समेटे सेकजैना जनाइल बा । सुरुके बरसमे सुपरजोन कार्यक्रमहे लक्षित कैके स्थापना करल माटी परीक्षण प्रयोगशाला हाल बन्द अवस्थामे रहल बा । सम्बन्धित सहकारी संस्थामे प्राविधिक जनशक्ति नैहोके प्रयोगशाला बन्द करे परल जनाइल बा । ओस्टके स्थापना करल गहुँके प्रशोधन केन्द्रसमेत सम्बन्धित जग्गाधनी ओ सञ्चालकबीच बात नैमिलके हाल बन्द अवस्थामे रहल बा । कृषि कर्म करेबर न्यूनतम शुल्क लेके परियोजनामे समेटल कृषकहे कृषियन्त्र उपकरण उपलब्ध करैना सेवा प्रदायक संस्थासमेत बन्द रहल बा । उदासीपुर गाउँके कृषक गोविन्द चौधरी गहुँ बालीके सुपरजोन कार्यक्रमसे उत्पादन पहिलेक तुलनामे वृद्धि हुइलेसे फेन कृषक अपेक्षा अनुसारके सहयोग नैपाइल गुनासो करलै । ‘आत्मनिर्भर अर्थतन्त्रके लाग कृषिके आधुनिकीकरण, विशिष्टीकरण ओ औद्योगिकीकरण’ कना नाराके साथ सरकारसे इ बरस १० वर्षे परियोजना कार्यान्वयनमे लानल हो ।
रासस