२७ आश्विन २०८१, आईतवार October 13, 2024

उर्मा गाउँमे भजहर मनागैल

२३ जेष्ठ २०७९, सोमबार
उर्मा गाउँमे भजहर मनागैल

सागर कुस्मी
धनगढी । केउ मछ्छिक भात टे केउ मेरमेरिक टिनाटावन अडरिक अडरिक पकवानमे डँटल बिल्गाइँट गाउँक सारा छोटसे लेके बुढापाका लोग ।

इ चम्पन दृश्य हो कैलालीक् धनगढी उपमहानगरपाकिका वडा नम्बर १५ उर्मा गाउँक् । जहाँ सारा गाउँक मनैं भजहर मनाइक लाग जुटल रहिंट । भजहर टिहुवार अइनासे पहिले एक अँठ्वार पहिले गाउँक भलमन्सा गाउँमे हाँक पार्के जना सेक्ले रहिंट ।

छन्डिक छन्डिक बगाल सबजे अपन अपन सुर गौर्हियाइल बटैं । केउ आधुनिक गीतमे मस्ट ठुम्का लगाइ भिरल बटाँ कलेसे केउ ठोपरी बोलाके झुमल रहिंट ।

पहिलेसे गाउँमे भजहर मनैना चलन हुइलेक ओर्से उर्मा गाउँबासी फेन इ साल ढुमढामके साठ मनाइल गाउँक भलमन्सा रामचरण राना बटैलैं । ञउर्मा गाउँमे बहुत पहिलेसे भजहर मनैटी आइल बटिझ उहाँ कहलाँ ञओहेमारे इ सालफें गाउँक सक्कुजे मिल्के एक साठ मनैले बटि उहाँ बटैलैं ।

उहाँ आघे फेन कहलैँ, गाउँक मनैं सक्कु जे एक दिन एक्के ठन होके मनैलेसे मैयाँ प्रेम बर्हना हुइलेक ओर्से फेन इ बर्का भजहर एक दिन हुइलेसे फेन मनैटी आइल उहाँ बटैलैं । दुर दुर रहल नाट्पाँटन से भेंट हुइना ओ सुख दुखके बात साटिकसाटा ओ एक डोसरके सम्बन्ध गहिर हुइना भलमन्सा रामचरण राना बटैलैं ।

भजहर खास कैके गाउँक दुख, बिमार ओ कौनो फेन महामारी अइलेसे गुरुवनसे झारफुँक ओ जरिबुटीसे समस्या समाढान कैजाए । जौन गाउँमे राना समुदायके गुरुवा टेक्लेसे उ गाउँमे भजहर मनैना चलन चल्टीमे आइल गाउँक अगुवा मन्कु चौधरी बटैलैं ।

पहिलेकले अझकल परिस्कृत ओ व्यवस्थित हुइल मन्कु चौधरी बटैलैं । उहाँ कहलैं, पहिले आउर जेडा खर्चहा रहे । अब्बा ठनिक समय ओ परिस्थिति अन्सार भजहर मनाइल उहाँ बटैलैं ।

इ टिहुवारमे मेरमेराइक टिना मुर्घिक सिकार, सुरिक सिकार, मछ्छिक टिना, टमान मेरिक साग सब्जीके पकवानसे भजहरमे आइल सक्कु जहन खाइ डेना चलन बा । दुरिक दुरिक नाटनट्कुर लोगनफें भजहर खाइक लाग बलाजाइठ ।

मनैना विधि :
उर्मा गाउँमे तीन मेरके भजहर मना जाइठ । चिरैं भजहर दुई चो मनाजाइठ । जौन कि इहिसे पहिले मना सेक्ले बटैं । अप्की इ बर्का भजहर मना गैल बा । छुट्की ओ बर्का चिरैंमे मिसौला भात, बरिया ओ अन्य खानपिन पकाइल रहठ ।

गाउँक् भलनन्सा रामचरण रानाके बटाइल अन्सार, ओस्टेके बर्का भजहरमे मछ्छीक टिना ओ टमान मेरिक टिनाटावन पकाइल रहठ । इ खानपिनहे भलमन्सा सक्कु घरक पकवानहे लेके गाउँक मरुवामे जाके गुरुवासे पुजा कैजाइठ ।
गाउँक् अन्नबाली मजा होए, कुछ रोगबिरोग ना लागेओ गाउँमे कुछु महामारी ना आए कहिके पुजा फेन कैजाइठ ।

भजहर मनाइक लाग सक्कु गाउँक झराली बिहन्नी उठके गाउँक डख्खिन जाके सक्कु जाने राहरंगी फेन कैना चलन बा । दुख बिस्रावन महुवक मडिया, घर्हिमे चुवाइल अनाजके डबुवा छबुवा फेन इच्छा अन्सार सुर्के मिलठ इ बर्का भजहरमे ।

३०० से ढेर घरधुरी रहल उर्मा गाउँ धनगढी बजारसे १० किलोमिटर पुरुब उत्तर परठ इ गाउँ । जहाँ डंगौरा थारु रानाथारु ओ गैल थारुनके मिश्रित बस्ती हो ।