६ बैशाख २०८२, शनिबार April 19, 2025

समावेशी कोटाके माग कैटी प्रदेश सभा घेराउ कैना

२४ फाल्गुन २०८१, शनिबार
समावेशी कोटाके माग कैटी प्रदेश सभा घेराउ कैना

धनगढी, २४ फागुन । थारु तथा रानाथारुहुँक्रे सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा ऐन संशोधन विद्येयकमे जनसंख्याके आधारमे समावेशी कोटा सुनिश्चितताके माग अँट्वारके रोज प्रदेशसभा घेराउ कैना हुइल बाटै ।
थारु रानाथारु आरक्षण संघर्ष समितिमे आवद्ध संघसंस्थासे शनिच्चरके धनगढीमे पत्रकार सम्मेलन कैटी संघर्षके कार्यक्रम सार्वजनिक कैटी प्रदेश सभा घेराउ कैना हुइल हुइट । संघर्ष समितिसे अँट्वारके रोज सम्बन्धित निकायमे ज्ञापनपत्र बुझैना ओ दिनके १ बजे प्रदेश सभा घेराउ कैना जनैले बा । यहोर अँट्वारके रोज प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीके प्रदेश सभामे विशेष सम्बोधनके कार्यक्रम रहल बा ।


सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा ऐन संशोधन विद्येयकमे समावेशी कोटाके माग सहित थारु कल्याणकारिणी सभा, थरुहट÷थारुवान राष्ट्रिय मोर्चा, नेपाल रानाथारु समाज ओ थारु नागरिक समाज लगायत दर्जनौ संघसंस्थाके एक्येवद्धता जनैटी प्रदेशसभा घेराउ कैना नेपाल रानाथारु समाजके कमलसिंह राना जानकारी डेलै ।
इहीसे आघे फेन संघर्ष समितिसे सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा ऐन संशोधन विद्येयकमे समावेशी कोटाके मागके लाग संघर्ष कैटी आइल बा । संघर्ष समितिसे थारु÷रानाथारु क्लस्टरके समानुपातिक समावेशी सिद्धान्तके आधारमे थारु÷रानाथारुनके जनसंख्या (१७.८२४) के आधारमे विधेयकमे न्युनतम १८ प्रतिशत समावेशी सुनिश्चिता हुइना कैके ऐन बनाई पर्ना, महिलाके आरक्षण ३३ प्रतिशतमे थारु÷रानाथारु महिलाके १८ प्रतिशत समावेशी सुनिश्चित करपर्ना ओ ऐनमे रहल स्थानीय पालिकाहे पदपुर्तीके क्लस्टर मानलमे प्रदेशहे क्लस्टर मानेपर्ना माग कैटी आइल बा ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामति सेवा ऐन (पहिलो संशोधन २०८०) मे थारु, रानाथारु समुदायके प्रतिनिधित्व सम्बन्धमे गठित सुझाव समितिसे मुख्यमन्त्री कमलबहादुर शाहहे प्रतिवेदन फेन बुझैले रहे । मने उ प्रतिवेदनके कौनो सुनुवाइन नैहुइल थारू कल्याणकारिणी सभा कैलालीके पूर्व उपसभापति माधव चौधरी बटैलै ।
समितिसे सरोकारवाला सक्कु निकायसँग छलफल कैके तयार पारल प्रतिवेदन मुख्यमन्त्री शाहहे बुझाइल रहे । समितिके संयोजक एवम् नीति तथा योजना आयोगके उपाध्यक्ष गणेश विक उ प्रतिवेदन मुख्यमन्त्रीहे हस्तान्तरण करल रहिट ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश सभासे सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामति सेवा ऐन (पहिलो संशोधन २०८०) गत भदौ ४ गते पारित हुइलपाछे समावेशी प्रतिनिधित्वके सवालहे लेके थारु, रानाथारु आन्दोलनरत रहल बाटै ।