धनगढी । कञ्चनपुर जिल्लाके कृष्नपुर–६, सिंहपुर गाउँमे आजसे छठुवा राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन २०७८ हुइटी रहल बा ।
थारू भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति प्रवद्र्धनमे सहयोग पुगैना उद्देश्य सहित इहे फागुन १२, १३ ओ १४ गते तीन दिनसम हुइना राष्ट्रियस्तरके साहित्यक सम्मेलन हुइटी रहल हो । थारू लेखक संघ नेपाल ओ थारु कल्याणकारिणी सभा कञ्चनपुरके आयोजनामे हुइटी रहल सम्मेलनहे थारु भासा तथा साहित्य उत्थान मन्च कञ्चनपुर (गोचाली परिवार २०२८) लगायतके सहयोग रहल बा ।
थारू भाषा, साहित्य, कला संस्कृति प्रवद्र्धनमे सहयोग पुगैना उद्देश्यसे सम्मेलन हुइल थारु राष्ट्रिय साहित्य सम्मेलनके मूल आयोजक समितिके संयोजक एवं थारु लेखक संघका केन्द्रीय संयोजक डा. कृष्णराज सर्वहारी बटैलै ।
सम्मेलनमे समकालीन साहित्य, कला तथा संस्कृतिबारे बहस, लेखक तथा स्रष्टाहरू ओ सरोकारवालाबीच बृहत अन्तरक्रिया तथा छलफल हुइना उहाँ बटैलैं ।
सम्मेलनमे लोकसाहित्यमे थारु सौन्दर्यशास्त्रके खोजी, सुदूरपश्चिममे थारु राजनीतिक अवस्था, थारु साहित्यिक गतिविधी, थारु साहित्यामे लेखनके डग्गर, सुदूरपश्चिममे थारु पत्रकारिता, सुदूरपश्चिममेमे थारु गीत संगीतके अवस्था, स्सहित्यमे महिला आवाज, थारु जोधा ओइनके खोजी, सामाजिक संजालमे थारु साहित्य लगायत विषयमे सम्मेलनमे छलफल हुइना जनाइल बा । ओस्टके थारु पहिचानके सवाल, थारु भाषाके कविता गजल मुक्तक वाचन, लोक साहित्यके अवसर सम्भावना लगायत विषयमे बृहत छलफल हुइना जनाइल बा ।
ओस्टके साहित्यिक सम्मेलनमे इ बरसमे प्रकाशन हुइल पुस्तकके विमोचन कैना ओ थारु भाषाके टमान पुस्तक प्रदर्शनी तथा बिक्रीवितरणके लाग स्टल ढारजैना जनाइल बा ।
सम्मेलनमे देश भरके करिब दुई सयसे ढेर स्रष्टनके सहभागिता हुइना जनाइल बा । सम्मेलनमे थारु बाहुल्य रहल तराईंके सक्कु जिल्लाके थारु साहित्यकार, लेखक, पत्रकार, कलाकार, साहित्यप्रेमीनके सहभागिता हुइना जनाइल बा ।
हरेक साल हुइटी आइल साहित्य सम्मेलन इहिसे पहिले दांगके घोराहीमे २०७३ बैशाख ३–४, कैलालीके पटेलामे २०७३ चैत १९–२०, बर्दियाके बर्हैयातालमे २०७४ माघ ४–६, रुपन्देहीके उचडिहुवामे २०७५ चैत २२–२३, सुखेतके वीरेन्द्रनगरमे २०७७ चैत २१–२२ गते हुइल रहे ।