सागर कुस्मी
हसुलिया। नेपाल भारत सिमाना नाकामे साहित्यकारनके बगाल गोरपासु साहित्यिक नाका यात्रा कैना बटागैल बा ।
डेउखरके साहित्यकार नीम बहादुर थापा ओ छविलाल कोपिलाके बगाल नाका यात्रा करक लाग बटैं । कैलालीके जिल्लाके कैलारी गाउँपालिकाके सिमानासे छुवल सिमाना, मोहनपुर, शिवरत्नपुर ओ हौसलपुर गाउँ यात्रा कैना नीम बहादुर थापा बटैलैं ।
उहाँ कहलैं, गैल बरस मोहनपुर साहित्यिक कार्यक्रम निप्टाके नेपाल ओ भारतके सिमानामे रहल कुछ पिल्लरके बारेमे अवलोकन कैगैल रहे । मने अप्कि मोहनपुर गाउँक कार्यक्रम सेक्के गाउँक आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक ओ भौगोलिक अवस्थाके बारेम गाउँ मनैंनसे बातचित बटवइना बटैलैं ।
मोहनपुर, शिवरत्नपुर ओ हौसलपुर इ टिनु गाउँ मोहना लडियाके ओहपार परठ । इ गाउँक् मोहना लडियासे बहुत पिडित गाउँ हो । यहाँ जाइक लाग बहुत कठिन डग्गर बा ।
अइना पुस १४ गते शिवरत्नपुर जाके गाउँक मनैंनसे अन्तरक्रीया छलफल कैना दांग डेउखर के साहित्यकार छविलाल कोपिला बटैलैं । गैल ५ बरसके डौरानमे स्थानीय सरकार कटरा विकास हुइल बा ओ अइना दिनमे का का काम हुइटी बा, गाउँक लोगनसे बैठके बात बटवइना बटैलैं । शिवरत्नपुर गैल बर्खाके समयसे कुछ घर विस्थापित होके बैजपुर गाउँक लग्गे बनुवाँमे शरण लेके बैठल बा ।
ओस्टेके हौसलपुर गाउँ पुगके फे गाउँ सक्कु जहन से बैठके छलफल हुइना साहित्यकार लोग जनैलैं ।
आउर गाउँ जटरे सुविधा हुइलेसे फेन अभिन हौसलपुरके लर्का भारतमे पर्हे जैना बाध्यता बटिन ।
अइसिन समस्याहे हलि समाधान करक लाग स्थानीय सरकार, सम्बन्धित निकाय, सरोकार वालनसे बैठके बातचित कैना नाका यात्री लोग बटैलैं । इ यात्रा पुसके १३ गते मोहनपुर, ओ १४ गते शिवरत्नपुर, हौसलपुर गाउँ पुग्ना नाका यात्रीन बटैलैं ।
अस्टेके २०७१ ओ ०७२ सालमे इहे बगाल डेउखरके डख्खिनमे पर्ना नाका मुसी, खबरी, गुरुङ, चिरिया, पतौली, खंग्रा, कोइलावास लगायत नाका अध्ययन अवलोकन कैसेक्ले बा । उ साहित्यिक नाका यात्रामे कैलाली, बर्दिया, दांग लगायतके साहित्यकार ओ पत्रकार लोगनके ३ दिनके नाका यात्रा सफल हुइल रहे । साहित्यकार नीम बहादुर थापाके “नाकाबासीका सपना” कना पोस्टा फेन प्रकाशित होसेकल बा ।